जयपुर। पूर्व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने ग्राम समरावत्ता, देवली, उनियारा, की घटित घटना के मामले में राज्य सरकार पर निशाना साधा और राज्य सरकार सहित प्रशासनिक व पुलिस तंत्र की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। साथ ही राठौड़ ने ग्राम के लोगों के साथ खड़े होकर उनको न्याय दिलाने के लिए आश्वस्त किया। ग्राम समरावत्ता के लोगों ने पूर्व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ को अपनी पीड़ा बताई और इस मामले में हस्तक्षेप कर न्याय की गुहार लगाई। राठौड़ ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि ग्राम समरावत्ता में हुई घटना के बारे और उनकी मांगों के बारे में स्थानीय लोगों ने मुझे बताया है। इस घटना के बाद सरकार, पुलिस व प्रशासन का रवैया दुर्भाग्य पूर्ण नजर आ रहा है। राज्य सरकार के दबाव में पुलिस व प्रशासन ने हठधर्मिता अपनाते हुए लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए और लोगों को फंसाया। राज्य के मुख्यमंत्री और सरकार अधिकारी ग्राम के लोगो की मांग पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही भी नहीं कर रहे है, जो साफ तौर से हठधर्मिता को दर्शाता है और यह बड़े अफसोस की बात है। राज्य सरकार दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और निर्दोष को लोगों परेशान करना बंद करे।
राठौड़ ने राज्य के मुख्यमंत्री भजन लाल से आग्रह किया कि ग्राम समरावत्ता के लोगों की वाजिब मांगों पर उचित कार्रवाई करे और लोगों के साथ राजनीतिक भेदभाव नहीं करे। पूर्व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ का कहना है कि ग्राम समरावत्ता के लोगों की प्रमुख मांगे है कि प्रशासन द्वारा समरावता गांव में की गई निंदनीय पूर्ण घटना में दोषी अधिकारियों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करने, निर्दोष लोगो को तत्काल रिहा करने, गांव में जो भय का माहौल बना है, वहां शांति बनाने के तत्काल प्रभाव से पुलिस जाप्ता हटाया जाने, घटना से गांव में प्रशासन द्वारा जो नुकसान किया गया है, उसका मुआवजा दिया जाने गांव में जितने भी लोगो को चोट लगी है उनका दमन बंद करे, ताकि वो मेडिकल करवा कर कानूनी कार्रवाई कर सके, प्रशासन द्वारा सोशल मीडिया पर जायज मांग करने वाले लोगों को डराने की कार्रवाई तत्काल प्रभाव से बंद करने तथा प्रकरण की सीबीआई जांच कराने सहित तमाम मांगों पर जल्द सकारात्मक कदम उठाए जाए, ताकि लोगों का आक्रोश थम सके और ग्रामवासी निर्भय होकर अपना जीवन जी सके।
