राजनीतिक प्रतिशोध के कारण जिलों को हटाया गया – धर्मेंद्र राठौ
द फायर ब्यूरो
जयपुर। राजस्थान में विकास विरोधी भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक कारणों से 9 जिले एवं 3 संभाग हटाए गए हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है और इसलिए पूर्व सीएम गहलोत ने स्थानीय सेवाओं में लोगों की मदद करने तथा गरीब को गणेश मानकर अंतिम छोर तक के व्यक्ति को भी लाभ मिले इसी उद्धेश्य से बिना किसी राजनीतिक लाभ के जनता से प्राप्त प्रतिवेदनों के आधार पर नए जिले एवं संभाग बनाए थे। इस बदलाव से लोगों के लिए घर के पास ही काम जल्दी से जल्दी करवाना आसान हो गया।
भूतपूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी अपने कार्यकाल में मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान छोटे जिलों का समर्थन किया था और प्रतापगढ़ का निर्माण दिखाता है कि भाजपा छोटी प्रशासनिक इकाइयों को महत्व देती है। वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा इन जिलों को हटाए जाने से लोगों के लिए प्रशासनिक केंद्रों तक उनकी यात्रा की दूरी में बढ़ोतरी होने के कारण स्थानीय सेवाओं पर निर्भर निवासियों के लिए कई समस्याएँ पैदा कर सकता है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने न केवल जिलों की घोषणा की बल्कि वहां कलेक्टर, एसपी समेत तमाम जिला स्तरीय अधिकारियों की नियुक्ति दी एवं हर जिले को संसाधनों के लिए बजट भी दिया। हम भाजपा सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध के कारण लिए गए निर्णय की कड़ी निंदा करते हैं एवं इस अदूरदर्शी फैसले को वापस लेने एवं जिलों तथा संभाग को यथावत रखने की मांग करते हैं ।
